कश्मीर में ठंड ने तोड़ा रिकॉर्ड: श्रीनगर -4.1° तक गिरा तापमान, हवा की गुणवत्ता भी खराब
कश्मीर में ठंड इस बार वक्त से पहले ही अपना असर दिखा रही है। चिले-कलान, जो हर साल 21 दिसंबर से शुरू होने वाला 40 दिन का सबसे सख्त ठंड का दौर माना जाता है, उससे पहले ही घाटी में तापमान लगातार नीचे जा रहा है। बीती रात श्रीनगर में पारा गिरकर -4.1° दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान माना जा रहा है।
दक्षिण कश्मीर में हालात और भी सख्त
घाटी के बाकी इलाकों में स्थिति और मुश्किल है।
दक्षिणी कश्मीर के कई हिस्सों में तापमान -6° तक पहुंच गया है।
कड़ाके की ठंड के कारण लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पहली बार कश्मीर में खराब एयर क्वालिटी
कश्मीर को हमेशा साफ हवा और ताजी सांसों के लिए जाना जाता था, लेकिन इस बार एक नई समस्या भी सामने आई है।
लगातार सूखे और बारिश की कमी के कारण हवा में धुंध और पार्टिकुलेट मैटर बढ़ गया है। कुछ दिन पहले श्रीनगर का AQI 300 के आसपास पहुंच गया, जो “Poor” कैटेगरी में आता है।
ये हालात कश्मीर जैसे ठंडे और साफ इलाकों के लिए असामान्य हैं।
सूखे ने बढ़ाई परेशानी
कश्मीर में पिछले डेढ़ महीने से बारिश नहीं हुई है।
इस वजह से:
- ड्राई कोल्ड बढ़ रही है
- धुंध छाई हुई है
- हवा में प्रदूषण का स्तर ऊपर जा रहा है
- बुजुर्गों और मरीजों में चेस्ट व रेस्पिरेटरी समस्याएं बढ़ रही हैं
डॉक्टर्स ने खासतौर पर बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
बर्फबारी ही एकमात्र उम्मीद
मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल सूखे का दौर जारी रहेगा।
15 दिसंबर के बाद बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है।
अगर बर्फबारी होती है तो:
- तापमान में सुधार होगा
- एयर क्वालिटी बेहतर होगी
- टूरिज्म को राहत मिलेगी
इस समय पहाड़ी इलाकों में भी बर्फ कम है, जिससे ड्राई कोल्ड और भी ज्यादा महसूस हो रही है।
लद्दाख में हालात और कठिन
अगर कश्मीर से आगे लद्दाख की तरफ जाएं तो जोजिला और कारगिल जैसे इलाकों में तापमान इससे भी नीचे दर्ज किया जा रहा है।
माइनस तापमान लगातार बढ़ रहा है और कई जगह हालात कठोर बने हुए हैं।
